उठो मगध आज
है इतिहास गवाह तेरे शौर्य की ए मगध,
है आज फिर मौका आर्यावर्त को वही नेतृत्व दिखाने का !!!
कहां गया तेरा वो ऐश्वर्य
है आज वक्त इतिहास दोहराने का I
बिलक रही माटी समुख अन्धकार है बड़ा ,
उठो मगध, है आज फिर मौका अन्धकार भगाने का I
चीत्कार रहा जन मानस आज मूकदर्शक है आकाश,
तूने दिया इसे जनतंत्र तूही इसे संभाले आज I
खंडित हो रहा है भारत, धर्म, भाषा का विष फैला आज,
मगध शूर क्या हुआ तुम्हे है,
जाग उठो ख़त्म करो ये उन्माद I
दिया पूर्वजों ने जो गौरव, करो तुम उसका सम्मान I
पुकार रहा इतिहास तुम्हें अब,
करो आर्यावर्त का उत्थान I
: shwetank